मैं जानता हूँ कि मैं गलत नहीं हूँ, मेरे लिए यही काफी है। मैं जानता हूँ कि मैं गलत नहीं हूँ, मेरे लिए यही काफी है।
घुत्तू की यादाश्त उस त्रासदी से शायद चली गई है उसे अब कुछ भी याद नहीं। घुत्तू की यादाश्त उस त्रासदी से शायद चली गई है उसे अब कुछ भी याद नहीं।
लेखक: सिर्गेइ पिरिल्यायेव अनुवाद : आ चारुमति रामदास लेखक: सिर्गेइ पिरिल्यायेव अनुवाद : आ चारुमति रामदास
थोड़ी देर में ही वहां इस्पेक्टर से मिलकर उसे समझ में आ गया था कि वह डेढ़ माह से गुमशुदा। थोड़ी देर में ही वहां इस्पेक्टर से मिलकर उसे समझ में आ गया था कि वह डेढ़ माह से ...
वो अपने काम के बीच में ही अपनी याददाश्त खो देता हैं वो अपने काम के बीच में ही अपनी याददाश्त खो देता हैं
शाकाल को अपने जानी दुश्मन विजय और रवि की याद आई ! शाकाल को अपने जानी दुश्मन विजय और रवि की याद आई !