noorie adi

Children

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नानी के किस्से पार्ट 1

नानी के किस्से पार्ट 1

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आज कुछ कोशिश कर रही हु कि बचपन मे जो नानी दादी से किस्से सुने थे वो लिख सकूँ।

कोशिश है कि आपको पसंद आये।


जब छोटे थे उस वक़्त नानी और दादी के अलावा कुछ नहीं दिखता था एक वही होती थी जो हमें समझती थीं पापा औऱ मां की मार से डांट से बचाती थी। वही थी जिनसे मन की बात बोल देते थे लड़ते थे झगड़ते थे फिर लाड़ से मना भी लेते थे एक दूजे को। किसी की नानी उसको ज्यादा लाड़ लड़ाती थी किसी की दादी ।

हमने नाना को तो देखा नहीं था पर नानी हमारी बिंदास है। आज भी नानी से जब भी मिलते है तो कहानी जरूर सुनते है राजकुमार राजकुमारी की। भूत की , परियों की।

चलिए अब शुरू करते है एक छोटे से किस्से से जो नानी अक्सर सुनाती है जब भी उनको सुनाने की।

आज नानी का मन नहीं था कुछ सुनाने का। पर मैं भी कहाँ छोड़ने वाली थी आज नानी का मूड सही नहीं था रोज़ की खिटपिट से नानी का मन खराब हो जाता था और वो उदास हो जाती थी। कभी कभी तो रो भी देती थी और याद करती थी नाना जी को कि क्यों छोड़ गए मुझे अकेले इन बेटे बहुओं की सुनने के लिए। साथ ले जाते। खैर जैसे तैसे नानी को हंसाया उनका मूड सही किया। नानी ने कहा कि आज कहानी नहीं कुछ किस्सा सुनाऊँगी पर छोटा सा। मैं भी नहीं मानने वाली थी पर उस दिन नानी का मूड देख के चुप हो गयी । कुछ देर चुप रह कर नानी ने बोलना शुरू किया।

वो किस्सा एक लड़के के बारे में था। जो कि बहुत भुलक्कड़ था बड़े उतावलेपन से मैं इंतज़ार कर रही थी कि कब नानी मूड में आ कर कहानी सुनाए। नानी से गुस्से में बोली '' नानी मज़ा नहीं आ रहा रोज़ के जैसे किस्से सुनाओ ना। नहीं तो मुझे नहीं सुननी। नानी भी जानती थी कि ये लड़की भी ज़िद्दी है तो नानी बोली ठीक है मेरी माँ । अब सुन....

फिर मैं नानी के पास लेट गयी नानी ने कहना शुरू किया रोज़ वाले स्टाइल में।

एक गाँव में एक छोटा सा झोंपड़ा था जिसमें रामा अपनी बूढ़ी माँ के साथ रहता था जब राम छोटा था तभी उसके पिता जी मर गए थे ।तो उसकी माँ ने ही उसे मां बाप दोनों का प्यार दिया था और ज्ञान भी। पर रमा बहुत सीधा ओर भोला था साथ ही साफ दिल का भी। रामा बड़ा हो गया था और उसकी माँ बूढ़ी। अब उसकी माँ से कोई भी काम नहीं होता था वो थक जाती थी। एक दिन रामा की माँ को उसकी बहन शबरी ने मिलने को बुलाया जो कि अपनी अंतिम साँसे ले रही थी उसके कोई औलाद नहीं थी और वो रामा को ही अपना बेटा मानती थी उसने रामा की माँ से कहा कि उसकी इच्छा है कि रामा का एक सुंदर लड़की से विवाह कर दिया जाए।

          क्रमशः



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