जानते हो मेरे घर की परिस्थितियां ? जिसने मुझे मान सम्मान दिया, पाला पोसा मैं उन्हें निराश नहीं कर सक... जानते हो मेरे घर की परिस्थितियां ? जिसने मुझे मान सम्मान दिया, पाला पोसा मैं उन्...
काफ़ी वक़्त से आवाज़ नहीं सुनी, वो वक़्त था जब उसका कॉल मेरा अलार्म होता था I काफ़ी वक़्त से आवाज़ नहीं सुनी, वो वक़्त था जब उसका कॉल मेरा अलार्म होता था I
आख़िरी बार हसरत से उसने एक-एक शब्द पढ़ा और उस पर हौले से अपनी उँगलियाँ भी फेरी। आख़िरी बार हसरत से उसने एक-एक शब्द पढ़ा और उस पर हौले से अपनी उँगलियाँ भी फेरी।
.जी हां श्लोक अब इस दुनियां में नहीं था .जी हां श्लोक अब इस दुनियां में नहीं था
मैं आदमी बहुत अच्छा हूँ और बहुत अच्छा होना ही मेरी खराबी है ! मैं आदमी बहुत अच्छा हूँ और बहुत अच्छा होना ही मेरी खराबी है !
शायद अतीत का परिंदा फिर वापस आ गया था कुछ सौगात लिए ! शायद अतीत का परिंदा फिर वापस आ गया था कुछ सौगात लिए !