बस तुम्हारे हिस्से की कॉफी भी मुझे पीनी पड़ती है ..चलो समय हो गया, कल मैं फिर आऊंगा....
"क्या हुआ माँ,, क्या हुआ। अरे पानी का बुलबुला ही तो था । हा हा हँसते हुए तुम्हें भी दुःख हुआ ना इतना सुंदर, इतनी जल्दी...
ये समझो पहली नज़र वाला प्यार ही था। काव्या जिस कोचिंग में पढ़ने गयी उसके ठीक सामने की चेयर पर वह बैठा करता था
पास जा कर एहसास हुआ कि उस आईने की परछाई को गले से लगाना मुमकिन ही नहीं।
दोस्त बड़े किस्मत से मिलते हैं ,जिनके पास दोस्त हो वो बड़े ख़ुशनसीब होते हैं
मैं और मयंक आगे बढ़ गए