शान्तिः ओम् उत्तर आधुनिक क्रान्तिः क्रान्तिः क्रान्तिः! शान्तिः ओम् उत्तर आधुनिक क्रान्तिः क्रान्तिः क्रान्तिः!
जश्न -ए-आजादी कुछ यूँ मना, के हर दिल को तिरंगे की जमीं बनाा। जश्न -ए-आजादी कुछ यूँ मना, के हर दिल को तिरंगे की जमीं बनाा।
और जीवन की समस्याओं को हवन कुंड में स्वाहा कर रहा है। और जीवन की समस्याओं को हवन कुंड में स्वाहा कर रहा है।
परिवर्तन के अग्निकुंड में स्वाहा नहीं होगा। परिवर्तन के अग्निकुंड में स्वाहा नहीं होगा।
लौट कर तो नहीं आते, बीते जमाने पर हमारी यादें तो लौटकर ले जाती हैं हमें वहाँ लौट कर तो नहीं आते, बीते जमाने पर हमारी यादें तो लौटकर ले जाती हैं हमें वहाँ
समय रूपी पानी से आग दिल की अपनी बुझाओ समय रूपी पानी से आग दिल की अपनी बुझाओ