अलग हो गया थोड़ा थोड़ा अलग हो गया थोड़ा थोड़ा
एक गिरह में तीन सुईयाँ स्थिर, स्तब्ध से एक गिरह में तीन सुईयाँ स्थिर, स्तब्ध से
उन मनुष्यों का कल्याण है होता जिनका चित मुझमें स्थिर होता है। उन मनुष्यों का कल्याण है होता जिनका चित मुझमें स्थिर होता है।
सोच आगे बढ़ी असली व पूर्ण मानव भी तो वह है जो हर स्थिति में सम है। सोच आगे बढ़ी असली व पूर्ण मानव भी तो वह है जो हर स्थिति में सम है।
परमात्मा सबका एक वही है आसक्ति किसी और से ना करो पतन करती ये आसक्ति है। परमात्मा सबका एक वही है आसक्ति किसी और से ना करो पतन करती ये आसक्ति है।
खालीपन का एक डर छिपा था मन मे जो उस बहती धार के साथ अब खाली हो गई थी। खालीपन का एक डर छिपा था मन मे जो उस बहती धार के साथ अब खाली हो गई थी।