सृष्टि को नव-जीवन देकर, महादेव विषधर कहलाए।। सृष्टि को नव-जीवन देकर, महादेव विषधर कहलाए।।
जिंदा रहे हमारा शरीर रूपी घर ऐसे मिटा दो, समाज से सब निशाचर जिंदा रहे हमारा शरीर रूपी घर ऐसे मिटा दो, समाज से सब निशाचर
दुर्गुणों से बचकर रहना बन पंकज ऊपर उठना विषधर संगति पाकर भी खुद विषधर नहीं बन दुर्गुणों से बचकर रहना बन पंकज ऊपर उठना विषधर संगति पाकर भी खुद व...
शीश जटा जूट , विराजे गंगा तन भस्म रमा रुप धरे बेढंगा शीश जटा जूट , विराजे गंगा तन भस्म रमा रुप धरे बेढंगा