कविता में ढलता चला जाता है कविता में ढलता चला जाता है
हमसे दूर जा रहे हो ना तो ये खुद से क्यों भाग रहे हो? हमसे दूर जा रहे हो ना तो ये खुद से क्यों भाग रहे हो?
बचपन के झरोखों से ढूंढ निकलोगी मुझे बचपन के झरोखों से ढूंढ निकलोगी मुझे
लुका छुपी खेलें आओ, लुका छुपी खेलें आओ। लुका छुपी खेलें आओ, लुका छुपी खेलें आओ।
फिर क्यों अनसुना करता हूं मैं बस डरा हुआ रहता हूं मैं...! फिर क्यों अनसुना करता हूं मैं बस डरा हुआ रहता हूं मैं...!