लुका छुपी
लुका छुपी
लुका छुपी खेलें आओ, लुका छुपी खेलें आओ,
ओ पप्पू और टप्पू ,ओ कम्मो ओ शन्नो ,
ओ कम्मु ओ शक्कू मिलकर मौज मनाएं।
लुका छुपी खेलें आओ।
लुका छिपी खेलें आओ
ओ ओ थप्पो यह चीटिंग है, यह चीटिंग है,
यह तुम्हारी मिलीभगत है
यह तो लुकाछिपी पर बचपन की बातें
बाकी जिंदगी अपने आप में भी एक लुका छुपी का खेल ही तो है ।
कभी खुशियां छुप जाती है,कभी दुख छुप जाते हैं।
जिंदगी भी एक लुकाछिपी का खेल है।
इसी तरह बादल और बरसात, सूरज।
बरसात का मौसम है, बादल हुए, मगर बरसात नहीं आई है छिप गई ,
और सूरज निकल आया।
वापस सूरज बादलों में छुप गया ।
और बादल आ गए। जोर से बरसात आने लगी यह सब लुका छुपी का खेल है ।
बचपन का खेल और जिंदगी की वास्तविकता दोनों एक ही है।
