गर समझ में आये उन रंगों की तो वो मुठ्ठियाँ भरनी चाहिए। गर समझ में आये उन रंगों की तो वो मुठ्ठियाँ भरनी चाहिए।
पत्नी ने मांगी थी हरी, धानी चूड़ियाँ, लेना था उन्हें मां बाप की दवाइयाँ ... आखिर कसूर था क्या उनका.... पत्नी ने मांगी थी हरी, धानी चूड़ियाँ, लेना था उन्हें मां बाप की दवाइयाँ ... आखि...
खुद तिल-तिल सुलगकर राख होती रहती है.....। खुद तिल-तिल सुलगकर राख होती रहती है.....।
रक्त रंजित हो थाली, जरूरी नहीं। रक्त रंजित हो थाली, जरूरी नहीं।
मुझ को मेरा काम गिनाने आये कुछ पद वाले लोग। मुझ को मेरा काम गिनाने आये कुछ पद वाले लोग।
बड़ा बेदर्द है शासन, सुनना कुछ भी नहीं चाहता केवल अपनी ही बातें सुनाना उसको है आता बड़ा बेदर्द है शासन, सुनना कुछ भी नहीं चाहता केवल अपनी ही बातें सुनाना उसको ...