बुढ़ापे की सनक भी अजीब है, समझती ये खुद को मुफीद है , न किसी से कहना न किसी से सुनना, बुढ़ापे की सनक भी अजीब है, समझती ये खुद को मुफीद है , न किसी से कहना न किसी...
कोई किसी का नसीब है और कोई किसी को नसीब है। कोई किसी का नसीब है और कोई किसी को नसीब है।
खुदा से यहीं गुजा़रिश है, करें इनायत दोस्त पर मेरे। तबस्सुम रहे उसकी सूरत पर सदा, मैं जिंदा रहूँ ... खुदा से यहीं गुजा़रिश है, करें इनायत दोस्त पर मेरे। तबस्सुम रहे उसकी सूरत पर स...