एक कुटुम्ब रखना है हमें पूरी वसुधा को। रक्षक-रक्षित बन करें सबका ही अभिनंदन। एक कुटुम्ब रखना है हमें पूरी वसुधा को। रक्षक-रक्षित बन करें सबका ही अभिनंदन।
सब रक्षित हों और सभी सुरक्षित तब ही तो सफल है रक्षाबंधन। सब रक्षित हों और सभी सुरक्षित तब ही तो सफल है रक्षाबंधन।
पतझड़ को बस जाने दो तुम,आ रहा मधुमास मानवता भी रक्षित होगी। पतझड़ को बस जाने दो तुम,आ रहा मधुमास मानवता भी रक्षित होगी।
हम ही बनेंगे इसके रक्षक ये संकल्प लेना होगा। हम ही बनेंगे इसके रक्षक ये संकल्प लेना होगा।
अपनी बहनों का चीर हरण, तू देख खड़ा रह जाता है, अपनी बहनों का चीर हरण, तू देख खड़ा रह जाता है,
भारतीय लोकतंत्र की बिगड़ती हालत एवं उसमें विधि रक्षकों द्वारा शक्ति के अनुचित प्रयोग पर रची गयी कवि भारतीय लोकतंत्र की बिगड़ती हालत एवं उसमें विधि रक्षकों द्वारा शक्ति के अनुचित प्...