तुम हो दाता गर्व करो मन को न अपने मलिन करो तुम क्षमाशील ममता की मूरत इस रूप को तुम न कभी तजो। तुम हो दाता गर्व करो मन को न अपने मलिन करो तुम क्षमाशील ममता की मूरत इस रूप क...
झट से आशीष दे देना, हर हाल में मेरे साथ रहना। झट से आशीष दे देना, हर हाल में मेरे साथ रहना।
दाता होकर भी क्यों बना है "याचक" अन्नदाता! दाता होकर भी क्यों बना है "याचक" अन्नदाता!
भटकता रहा हूं, गमों के मरुस्थल में मेरे उजड़े दिल का, तुम गुलसितां हो भटकता रहा हूं, गमों के मरुस्थल में मेरे उजड़े दिल का, तुम गुलसितां हो
दिल जोड़ने की बात कहाँ ? यह तोड़ने का ही निशाना था !! दिल जोड़ने की बात कहाँ ? यह तोड़ने का ही निशाना था !!
होती सुख की चाहत सबको, न दुखाएं हम किसी का दिल। होती सुख की चाहत सबको, न दुखाएं हम किसी का दिल।