दिल से जुड़ते हैं न कि सारी रिवाज जो से। दिल से जुड़ते हैं न कि सारी रिवाज जो से।
रंग दुनिया के समझ कर बोल क्यों है चुप खड़ा बोल भगवा और हरा करके भी तुझको क्या मिला। रंग दुनिया के समझ कर बोल क्यों है चुप खड़ा बोल भगवा और हरा करके भी तुझको क्या ...
तू रूठा तो यूँ लगे जैसे रूठी महबूबा महताब, कभी तो अबसार की तरह मुसलसल हो जा ए महताब। तू रूठा तो यूँ लगे जैसे रूठी महबूबा महताब, कभी तो अबसार की तरह मुसलसल हो जा ए...
चाँद भी बेताब है, आफ़ताब से मिलने को चाँद भी बेताब है, आफ़ताब से मिलने को
लगता है उम्मीद का आफताब महताब बन निकल आया है लगता है उम्मीद का आफताब महताब बन निकल आया है
तुम शबाब हो..चढ़ती रहो..अच्छा है...!! मैं शराब हूँ..चढ़ता रहूं..अच्छा है..!! तुम शबाब हो..चढ़ती रहो..अच्छा है...!! मैं शराब हूँ..चढ़ता रहूं..अच्छा है..!!