एक पिता की मानिंद धरती भी अपने पथ पर चक्कर काटती रहेगी एक पिता की मानिंद धरती भी अपने पथ पर चक्कर काटती रहेगी
है मखमली फ़लक, हैं अब्र मनचले, है रेत के मैदां, फूलों के गुलसितें, है मखमली फ़लक, हैं अब्र मनचले, है रेत के मैदां, फूलों के गुलसितें,
हसरतों के बाज़ार में अक्सर लोगों को नीलम होते हुए देखा है। हसरतों के बाज़ार में अक्सर लोगों को नीलम होते हुए देखा है।
घबरा के, छुप–छुप के, किताबों में घुस के जूझते देखा… नादान बचपन को जानने “शब्दों का” अर्थ, जो स... घबरा के, छुप–छुप के, किताबों में घुस के जूझते देखा… नादान बचपन को जानने “शब...