अब्र की नादानियां और बेवजह हम पर बरसना, चश्म ए तर हो गये मेरे तो हमसे समझा न गया। अब्र की नादानियां और बेवजह हम पर बरसना, चश्म ए तर हो गये मेरे तो हमसे समझा न ...
बस यूँ ही आ गई तेरी याद आज एक ज़माने के बाद! बस यूँ ही आ गई तेरी याद आज एक ज़माने के बाद!
उस अब्र के भी जाने कितने रंग हो गए साए में इनके लोग भी बदरंग हो गए उस अब्र के भी जाने कितने रंग हो गए साए में इनके लोग भी बदरंग हो गए
है मखमली फ़लक, हैं अब्र मनचले, है रेत के मैदां, फूलों के गुलसितें, है मखमली फ़लक, हैं अब्र मनचले, है रेत के मैदां, फूलों के गुलसितें,
तन्हाई मुकद्दर है रूसवाई तख्खलुस है। तन्हाई मुकद्दर है रूसवाई तख्खलुस है।