कितने ख़राब हो तुम कितने ख़राब हो तुम
सत्य के कितने कोण सत्य के कितने कोण
उस अब्र के भी जाने कितने रंग हो गए साए में इनके लोग भी बदरंग हो गए उस अब्र के भी जाने कितने रंग हो गए साए में इनके लोग भी बदरंग हो गए
दारुण दावानल सी प्रचण्ड बर्फ की परत सी शीतल सांझ की स्याह सी तिमिर ऐ ! जिंदगी कितने दारुण दावानल सी प्रचण्ड बर्फ की परत सी शीतल सांझ की स्याह सी तिमिर ऐ ! ...
और कितने दिन तुम सहन करोगे और कितने दिन तुम सहन करोगे
चेहरे पे कितने चेहरे हैं, क्यूं दिलों पे इतने पहरे हैं। मुस्काने सभी झुठी हैं, हर रू चेहरे पे कितने चेहरे हैं, क्यूं दिलों पे इतने पहरे हैं। मुस्काने सभी झुठी ...