रौंद रही है मृत्यु चरण से काँप उठा यह विश्व मरण से। रौंद रही है मृत्यु चरण से काँप उठा यह विश्व मरण से।
जिस तरह नदी अपनी राह पर निरंतर बढ़ती जाती है, कवियत्री भी अपने सपनों की तरफ बढ़ रही हैं। जिस तरह नदी अपनी राह पर निरंतर बढ़ती जाती है, कवियत्री भी अपने सपनों की तरफ बढ़ रह...
गाँव में नई दीवारें गाँव में नई दीवारें
क्या हुआ तेरे पास नहीं हैं तो वो दिल की धड़कनें आज भी वहीं से आती हैं वो अपनी चाहत आज क्या हुआ तेरे पास नहीं हैं तो वो दिल की धड़कनें आज भी वहीं से आती हैं वो अप...
अब आ पहुंचा हमारे छोटे शहरों में कोरोना। अब आ पहुंचा हमारे छोटे शहरों में कोरोना।
कुछ देर से भी न मिल सकीं कुछ हालातों के परवान सी चढ़ती रहीं। कुछ देर से भी न मिल सकीं कुछ हालातों के परवान सी चढ़ती रहीं।