सबके पूर्वज पहुँच गये आज सकुशल अपने संसार में। सबके पूर्वज पहुँच गये आज सकुशल अपने संसार में।
हर घर मंदिर बन जाएगा जब बहू, बेटी और दामाद, बेटा बन जाएगा। हर घर मंदिर बन जाएगा जब बहू, बेटी और दामाद, बेटा बन जाएगा।
जैसे बारिश में हो एक भीगता जिया हो………बेटी-दामाद को देख तो ऐसा लगा जैसे बारिश में हो एक भीगता जिया हो………बेटी-दामाद को देख तो ऐसा लगा
लेकिन उनकी किस्मत गई थी मारी दामाद के रूप में मिला रिश्तेदार भिखारी। लेकिन उनकी किस्मत गई थी मारी दामाद के रूप में मिला रिश्तेदार भिखारी।
समय की बात है कि दामाद कभी रसगुल्ला तो कभी दोधारी तलवार होता है। समय की बात है कि दामाद कभी रसगुल्ला तो कभी दोधारी तलवार होता है।
ग़ज़ल ग़ज़ल