पूर्वज
पूर्वज
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लो हो गये
आज विदा हमारे
सबके पूर्वज !
इन पंद्रह दिनों में
अपने घर परिवार
बच्चों नाती पोतों
बहू बेटियों को
खुशहाल देख,
तृप्त होकर
संतोष लिये मन में
देकर आशीर्वाद
लौट गये अपने
उस पर के संसार में,
खुश हैं वे
सब कुछ ठीक
चल रहा है,
बेटा-बहू बेटी-दामाद
दिखने लगे थोड़े उम्रदराज
तो नाती-नातिन पोते-पोती
बड़े हो गये,
देख कर उन्हें
जुड़ा गई आँखें,
मिलने के सुख और
बिछड़ने के दुख के
बीच से गुज़रते हुए,
सबके पूर्वज
पहुँच गये आज सकुशल
अपने संसार में।
