बहुत बुरी बनी है महामारी पूरी सृष्टि इस समक्ष हारी। बहुत बुरी बनी है महामारी पूरी सृष्टि इस समक्ष हारी।
वो बरगद बूढ़ा था, किसी के काम का नहीं पर उसके गिरने से गाँव ग़मगीन है बहुत। वो बरगद बूढ़ा था, किसी के काम का नहीं पर उसके गिरने से गाँव ग़मगीन है बहुत।
देख दिसम्बर बूढ़ा होकर गिनता अपनी रातें हैं। देख दिसम्बर बूढ़ा होकर गिनता अपनी रातें हैं।
अब मैं 99 बरस का हुआ हूं एक अजूबा सा बना हुआ हूं। अब मैं 99 बरस का हुआ हूं एक अजूबा सा बना हुआ हूं।