नज़र के हकदार क्यूं हो तुम देशवासियों सोच बदलो देश बदलेगा। नज़र के हकदार क्यूं हो तुम देशवासियों सोच बदलो देश बदलेगा।
लिखा पता ना लिखी है तारीख देश-काल की यही है सीख। लिखा पता ना लिखी है तारीख देश-काल की यही है सीख।
चक्रव्यूह को चकनाचूर किया महारथियों का मद दूर किया। चक्रव्यूह को चकनाचूर किया महारथियों का मद दूर किया।
मैं कड़वा काडा का घूंट था वो समझदार सी बंदी थी मैं खडूस सा बंदा था। मैं कड़वा काडा का घूंट था वो समझदार सी बंदी थी मैं खडूस सा बंदा था।
शब्दों के इस नागपाश में, दोगले समाज ने तुम्हे जकड़ा है। शब्दों के इस नागपाश में, दोगले समाज ने तुम्हे जकड़ा है।
मेरी हर जीत का श्रेय भी हमेशा तुझे ही मिलता था। मेरी हर जीत का श्रेय भी हमेशा तुझे ही मिलता था।