मैं सपनो संग सच जाग रही थी ख़याली पुलाव पका रही थी। मैं सपनो संग सच जाग रही थी ख़याली पुलाव पका रही थी।
हकीकत तक पहुँचने में सपने देखने दो मेरे साथी ! सपने देखने दो।। हकीकत तक पहुँचने में सपने देखने दो मेरे साथी ! सपने देखने दो।।
जीवन में श्रम से ही सब मिलता ख्याली पुलाव पकाने से कुछ हाथ न लगता। जीवन में श्रम से ही सब मिलता ख्याली पुलाव पकाने से कुछ हाथ न लगता।
ख्यालों में पुलाव कोई पकाता है और उसमें नमक कोई और आकर डाल देता है! ख्यालों में पुलाव कोई पकाता है और उसमें नमक कोई और आकर डाल देता है!