मैं सपनो संग सच जाग रही थी ख़याली पुलाव पका रही थी। मैं सपनो संग सच जाग रही थी ख़याली पुलाव पका रही थी।
तुम जब बाबू के लिए खाना पका रही होगी खाने की खुशबू वहाँ हलचल मचा रही होगी , तुम जब बाबू के लिए खाना पका रही होगी खाने की खुशबू वहाँ हलचल मचा रही होगी ,