वाकई देश बदल रहा है। पाश्चात्य संस्कृति का, वो अनुसरण कर रहा है। वाकई देश बदल रहा है। पाश्चात्य संस्कृति का, वो अनुसरण कर रहा है।
आरजू है की रुपये पैसे को ज्यादा अहमियत न दे शरीर हमारा एक मशीन की जानिब न हो जाये। आरजू है की हम... आरजू है की रुपये पैसे को ज्यादा अहमियत न दे शरीर हमारा एक मशीन की जानिब न हो जा...
शत्रु यह अदृश्य है कैसा कर रहा कृत्य है शत्रु यह अदृश्य है कैसा कर रहा कृत्य है