और मैं, स्वयं समर्पित हो जाती हूँ तुम पर, तुम्हारे जन्मदिन पर। और मैं, स्वयं समर्पित हो जाती हूँ तुम पर, तुम्हारे जन्मदिन पर।
पंक्षी बन ये मन उड़ता जब क्यों न चहकते गीत मेरे ! पंक्षी बन ये मन उड़ता जब क्यों न चहकते गीत मेरे !
तमगों की तमन्ना , नहीं रखता कभी फ़ौजी। फ़ौजी के जहन में, कभी सियासत नहीं होती।। तमगों की तमन्ना , नहीं रखता कभी फ़ौजी। फ़ौजी के जहन में, कभी सियासत नहीं होती।।
कितना विचित्र है यह संसार, देता है दर्द और मांगता प्यार। कितना विचित्र है यह संसार, देता है दर्द और मांगता प्यार।
अपने भारत की ख़ातिर, हम हंसते हंसते मर जाएं। अपने भारत की ख़ातिर, हम हंसते हंसते मर जाएं।