साँसों का सितम, ज़िस्म को, करता है परेशां । इस क़र्ब ए मुसलसल की सजा दे तो किसे दे।। गमख़्वार कोई और,... साँसों का सितम, ज़िस्म को, करता है परेशां । इस क़र्ब ए मुसलसल की सजा दे तो किसे द...
दिलों के बीच दीवारें और रिश्तों के बीच दीवारें दिलों के बीच दीवारें और रिश्तों के बीच दीवारें
रोज़ करते उससे बावफ़ा रह गये और करते वफ़ा में दग़ा रह गये. रोज़ करते उससे बावफ़ा रह गये और करते वफ़ा में दग़ा रह गये.
फ़रेबों पर ही कायम है सभी की ज़िन्दगी यारो। हक़ीक़त का मियाँ अब सामना कोई नहीं करता। फ़रेबों पर ही कायम है सभी की ज़िन्दगी यारो। हक़ीक़त का मियाँ अब सामना कोई नहीं करता।
दोस्ती और अपनेपन का मुखौटा बेनक़ाब हो गया, दोस्ती और अपनेपन का मुखौटा बेनक़ाब हो गया,