सफाई की गंगा अब बहने लगी है पता नहीं क्या जादू है उस नाम में, तैरने लगी पानी पे, काम की गाथा है सफाई की गंगा अब बहने लगी है पता नहीं क्या जादू है उस नाम में, तैरने लगी पानी पे,...
जिन आँखों में हर वक्त रहती थी ख़ुशी और चमक, उन आँखों को रिमझिम बरसते हुए देखा है... जिन आँखों में हर वक्त रहती थी ख़ुशी और चमक, उन आँखों को रिमझिम बरसते हुए देखा है...
मन में बहते झीलों को जब समुद्र समझा, तब अपने अंदर ख़ौफ़ का मंजर समझा मन में बहते झीलों को जब समुद्र समझा, तब अपने अंदर ख़ौफ़ का मंजर समझा
है दूर किनारा जीवन का अभी जाने कितनी दफ़ा मैं भटकी हूँ, पीड़ा का आभूषण कर धारण , गिरती और कभी सँभलती ह... है दूर किनारा जीवन का अभी जाने कितनी दफ़ा मैं भटकी हूँ, पीड़ा का आभूषण कर धारण , ग...
मगर कोई ख़ौफ़ लेकर आया है भिन्नता को लेकर आग लहू बन सताया है विचित्रता अब कितनी भर आयी है मगर कोई ख़ौफ़ लेकर आया है भिन्नता को लेकर आग लहू बन सताया है विचित्रता अब कितनी ...
गुलाबी ठंड का ख़ुमार , आँगन में पसरी धूप , अलसाई नज़र , मुंदती आँख में चुभता काज गुलाबी ठंड का ख़ुमार , आँगन में पसरी धूप , अलसाई नज़र , मुंदती आँख म...