पुरानी सड़क को घर कहना होगा तेरे वादे के खातिर घर में झूठा बनना होगा पुरानी सड़क को घर कहना होगा तेरे वादे के खातिर घर में झूठा बनना होगा
धड़कन की तरह उनको दिल के पास रक्खा है! धड़कन की तरह उनको दिल के पास रक्खा है!
इतिहास बनी वही कहानी ज़ब हम देवदास बन बैठे! इतिहास बनी वही कहानी ज़ब हम देवदास बन बैठे!
आपणे दसानन् में दीखे, जीने एक देवदास, आपणे दसानन् में दीखे, जीने एक देवदास,
देवदास से प्रेम का रिश्ता जाेडनेवाली पाराे... शरतचंद्र जी ने अमर किया यह पात्र... लेकिन उसका दर्द कि... देवदास से प्रेम का रिश्ता जाेडनेवाली पाराे... शरतचंद्र जी ने अमर किया यह पात्र.....
निकली जो घर से तू, पीछे तेरे चले थे हम, मंज़िल तेरी पता न थी, हमराह बने चले थे हम। निकली जो घर से तू, पीछे तेरे चले थे हम, मंज़िल तेरी पता न थी, हमराह बने चले थे...