सकारात्मकता को एक से ग्यारह कर दिया है। सकारात्मकता को एक से ग्यारह कर दिया है।
हर युद्ध के बाद बिखरी लाशों के संग बिखरी होती हैं बुलेट और ग्रेनेड की खाली खोलियाँ हर युद्ध के बाद बिखरी लाशों के संग बिखरी होती हैं बुलेट और ग्रेनेड की खाल...
इस खालीपन में जिंदगी तब भी चला करती थी आज भी चला करती है इस खालीपन में जिंदगी तब भी चला करती थी आज भी चला करती है
अब सब मगन हैं अपनी अपनी ज़िन्दगी में अलग अलग साथियों के साथ ! अब सब मगन हैं अपनी अपनी ज़िन्दगी में अलग अलग साथियों के साथ !
टीचर की डाँट पे भी हँसी की फुआर आखरी बेंच पे किलकारियों की कतार एक दूसरे की नोटबुक पे लिखना ... टीचर की डाँट पे भी हँसी की फुआर आखरी बेंच पे किलकारियों की कतार एक दूसरे ...
इसलिए बीते दशक के लोगों का दिल खत में बसता है। इसलिए बीते दशक के लोगों का दिल खत में बसता है।