कहती दर्द ओ ग़म की दास्तां ग़म की बस्ती अजीब बस्ती है , बहुत रुलाते भूख के आंसू पेट की ज्वाला नह... कहती दर्द ओ ग़म की दास्तां ग़म की बस्ती अजीब बस्ती है , बहुत रुलाते भूख के आं...
कौन पहचाने दर्द-ए-दिल को, दर्द तो दिल में हरदम रहता। कौन पहचाने दर्द-ए-दिल को, दर्द तो दिल में हरदम रहता।
इतना भी ना स्वाद ले सारे मसाले भर मुठ्ठी में हम पर ही उड़ेल दे। आंखो में मिर्च की ज इतना भी ना स्वाद ले सारे मसाले भर मुठ्ठी में हम पर ही उड़ेल दे। आंखो मे...
ज़ख़्म कितने गहरे थे, ये बात बता दी। ज़ख़्म कितने गहरे थे, ये बात बता दी।
मेरी बिंदिया से ये गुफ़्तगू कर रही है कि शायद उदास हूँ मैं। मेरी बिंदिया से ये गुफ़्तगू कर रही है कि शायद उदास हूँ मैं।
अजीब दास्तां हैं इस मानव जीवन की जेब खाली है पर ख्वाहिशें बेहिसाब हैं। अजीब दास्तां हैं इस मानव जीवन की जेब खाली है पर ख्वाहिशें बेहिसाब हैं।