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Harshita Dawar

Others

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Harshita Dawar

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ज़िन्दगी

ज़िन्दगी

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चतुर कौन ज़िन्दगी,

चट्टकारे लगाती हम पर,

गोल गप्पे की तरह मुंह फुलाती

फिर बच्चे की तरह खिलखिलाती है।


ओस की बूंद की तरह चमकती

धूप की तरह तपिश दे जाती है

ज़िन्दगी उफ़ ज़िन्दगी।


इतना भी ना स्वाद ले

सारे मसाले भर मुठ्ठी में

हम पर ही उड़ेल दे।

आंखो में मिर्च की जलन

ज़ख़्मो में नमक ना बिखेर दे।

कुछ चीनी सी मिठास बरकरार,

मीठी वाणी से आवाज़ लगा।

कपूर की सुगंध से सकारात्मक

ओरा प्रदान कर।


गुलाबों की महक दिलो में दिमाग़ नहीं

दिलों की धड़कन बढ़ा दे

ज़िन्दगी उफ़ ये ज़िन्दगी।

सवालों का जवाब दे।

ज़िन्दगी ए ज़िन्दगी

खुश मिजाज़ रहा कर

हमे भी साथ हंसाया कर

ख़ुद भी मुस्कुराया कर।


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