एक दोस्त की ख़वाईश थी मेरी, वो भी अब न रही। एक दोस्त की ख़वाईश थी मेरी, वो भी अब न रही।
मेरी आह जो भी सुना होगा बड़ी ज़ोर से हंसा होगा। मेरी आह जो भी सुना होगा बड़ी ज़ोर से हंसा होगा।
अपनी बाहों के दरमियां तुम्हारी जगह बना कर सोता हूं। अपनी बाहों के दरमियां तुम्हारी जगह बना कर सोता हूं।
ज़ख्म सीने पे अब भी लगे हैं, चोट खायी थी कैसे बताएँ कुछ ज़ख्म सीने पे अब भी लगे हैं, चोट खायी थी कैसे बताएँ कुछ
कुछ ख्वाब बदल गये कुछ अहसास बदल गये। कुछ ख्वाब बदल गये कुछ अहसास बदल गये।
दिलों के दरमियाँ नज़दीकियां मुश्किल से बना करती है मगर दूरी कोशिश के बिना बढ़ती है उसको ज़रूर पाटना ... दिलों के दरमियाँ नज़दीकियां मुश्किल से बना करती है मगर दूरी कोशिश के बिना बढ़ती ...