मैं यूँ ही नहीं आता जाता गुनगुनाता इठलाता हँसता और हंसाता हूँ ! मैं यूँ ही नहीं आता जाता गुनगुनाता इठलाता हँसता और हंसाता हूँ !
तेरा कल नहीं मै अजीब सितम है,अब तो तेरा आज भी मुझसे आंख मिलाए ना तेरा कल नहीं मै अजीब सितम है,अब तो तेरा आज भी मुझसे आंख मिलाए ना
निढाल शरीर को सहलाती हैं मेरे चाँद की शीतल किरणें निढाल शरीर को सहलाती हैं मेरे चाँद की शीतल किरणें
और घातक हो जाएगी। इसलिए पेड़ लगाएं और धरती बचाएं। और घातक हो जाएगी। इसलिए पेड़ लगाएं और धरती बचाएं।
मई-जून में आंख दिखाएं घर आंगन में बसती धूप। मई-जून में आंख दिखाएं घर आंगन में बसती धूप।
नौ जून हो गया है आज ,प्यारी डायरी तुम बनी मेरी हमराज ! नौ जून हो गया है आज ,प्यारी डायरी तुम बनी मेरी हमराज !