हमराज
हमराज
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नौ जून हो गई है आज ,
प्यारी डायरी तुम बनी मेरी हमराज ,
डायरी लेखन सचमुच एक उत्कृष्ट कार्य ,
जो बने परम सुख अनुभूति का काव्य |
पिछले पन्ने पलटो तो .....
सब यादें ताजा हो जायें ,
आगे लिखने की उत्सुकता ,
बार - बार मन दृढ़ बनायें |
सुबह की दैनिक दिनचर्या से ,
निवृत हो आज शौक बढ़ाए ,
कागज , कलम , रंगों को ले ,
चित्रकारी के फूल खिलाये |
दोपहर धूप में आम सुखा के ,
किया उन्हे तैयार ....
शाम होते - होते उन सबका ,
डाल दिया स्वादिष्ट आचार |
रात भोजन में बनाई आलू - पूरी ,
चटनी बिना जो लगती अधूरी ,
बड़े स्वाद से सबने मिलकर खाई ,
पूरे परिवार में खुशहाली छाई ||