किन्तु इस विदाई की बेला में, मेरे लिये बस तुम मुस्कुरा दो ! किन्तु इस विदाई की बेला में, मेरे लिये बस तुम मुस्कुरा दो !
सच ही तो कहा था उस मृगनयनी ने,"सपने ऐसे देखो जो सोने न दें।" सच ही तो कहा था उस मृगनयनी ने,"सपने ऐसे देखो जो सोने न दें।"
बैठेंगे अकेले जो, कभी शाम सुहानी, खोजेंगे क्या खोया है, क्या पाया है अभी तक...! बैठेंगे अकेले जो, कभी शाम सुहानी, खोजेंगे क्या खोया है, क्या पाया है अभी तक...!
इस कथा में आत्मा बसी जहान की क्यों राम जी से दूर जा रही है जानकी। इस कथा में आत्मा बसी जहान की क्यों राम जी से दूर जा रही है जानकी।
जीवन में किसे पता कल तुम हो कि नहीं जीवन में किसे पता कल तुम हो कि नहीं
जो कभी ना तेरी थी और ना कभी मेरी ! जो कभी ना तेरी थी और ना कभी मेरी !