दिवाली दिलवा से दिलवा मिलाई जी। दिवाली दिलवा से दिलवा मिलाई जी।
पटाखों की चमक हो या किसी की आंखों में खुशी की क्या फर्क पड़ता है। पटाखों की चमक हो या किसी की आंखों में खुशी की क्या फर्क पड़ता है।
गढ़ जाऊँ या उड़ जाऊं मैं किस किस पर फिर मर जाऊं मैं। गढ़ जाऊँ या उड़ जाऊं मैं किस किस पर फिर मर जाऊं मैं।
कहीं राजभवन को जगमग करता, किसी चिराग़ से कम तो नहीं। कहीं राजभवन को जगमग करता, किसी चिराग़ से कम तो नहीं।
ख्वाबों के मन्दिर से, रोशन चिरागों से, जगमग ख्वाब आया है ! ख्वाबों के मन्दिर से, रोशन चिरागों से, जगमग ख्वाब आया है !
जगमग- जगमग चमक रहे शशि बरसाते सुख सौभाग्य अमिय रस l जगमग- जगमग चमक रहे शशि बरसाते सुख सौभाग्य अमिय रस l