अब उन्हें क्या मालूम यह तो ज़िम्मेदारियों के बोझ से हुए भारी है। अब उन्हें क्या मालूम यह तो ज़िम्मेदारियों के बोझ से हुए भारी है।
'अगर फिसलने के डर से चलने में डरेंगे, तो तेरे द्वार तक कैसे पहुंचेंगे, 'योगी' जीवन के इस मोड़ पर हमक... 'अगर फिसलने के डर से चलने में डरेंगे, तो तेरे द्वार तक कैसे पहुंचेंगे, 'योगी' जी...
सुबह इतनी खूबसूरत होगी यह मैंने सोचा न था! सुबह इतनी खूबसूरत होगी यह मैंने सोचा न था!
काश मेरे पास जादुई छड़ी होती! भूखा नहीं सोता कोई भी कभी भी! काश मेरे पास जादुई छड़ी होती! भूखा नहीं सोता कोई भी कभी भी!
अम्मा बाबा की लोरियों को मैं सुनती थी, अम्मा का चश्मा बाबा की छड़ी में तोड़ती थी। अम्मा बाबा की लोरियों को मैं सुनती थी, अम्मा का चश्मा बाबा की छड़ी में तोड़ती थ...