क्यों रोते हो तुम आहें भरकर अभी बहा दूं झर-झर-झरने क्यों रोते हो तुम आहें भरकर अभी बहा दूं झर-झर-झरने
अम्मा बाबा की लोरियों को मैं सुनती थी, अम्मा का चश्मा बाबा की छड़ी में तोड़ती थी। अम्मा बाबा की लोरियों को मैं सुनती थी, अम्मा का चश्मा बाबा की छड़ी में तोड़ती थ...