दुनिया सिर्फ़ आबे हयात से नहीं चलती। दुनिया सिर्फ़ आबे हयात से नहीं चलती।
होंगीं खुशियां हर आंगन में, और होगा हर चेहरे पर उल्लास। होंगीं खुशियां हर आंगन में, और होगा हर चेहरे पर उल्लास।
डर को मन से निकलकर कर, जीत लो आसमान। डर को मन से निकलकर कर, जीत लो आसमान।
झूठ को सच में बदलने पे तुले हैं तलवारें लेकर कुछ "किसान" निकले हैं। झूठ को सच में बदलने पे तुले हैं तलवारें लेकर कुछ "किसान" निकले हैं।
अब्बु की तरहा कोई प्यार भी नहीं करता। अब्बु की तरहा कोई प्यार भी नहीं करता।
मंच लगाये बैठे हैं सत्ता को खैरात लुटाने को मंच लगाये बैठे हैं सत्ता को खैरात लुटाने को