बस कुछ अन्दाज़ बदल गये , कुछ बदले हैं जज़्बात। रिश्ते की डोर नहीं टूटी। बस कुछ अन्दाज़ बदल गये , कुछ बदले हैं जज़्बात। रिश्ते की डोर नहीं टूटी।
जिस दिन से तुम हो चले गए, हम तो वहीं पर खड़े रहे। जिस दिन से तुम हो चले गए, हम तो वहीं पर खड़े रहे।
एक बार जो रास आ गया दिल को फिर और किसी से दिल कहाँ दोबारा लगता है एक बार जो रास आ गया दिल को फिर और किसी से दिल कहाँ दोबारा लगता है
दूर वादियों में साथ हमसफ़र हवा-ए-शब भी ख़्वाहिशें अधूरी जिस्त में क्यों बसा रखें हो, दूर वादियों में साथ हमसफ़र हवा-ए-शब भी ख़्वाहिशें अधूरी जिस्त में क्यों बसा र...
एक असफल आशिक़ के दिल का हाल सुनाती एक ग़ज़ल एक असफल आशिक़ के दिल का हाल सुनाती एक ग़ज़ल