बाल कविता(कक्षा-1) बाल कविता(कक्षा-1)
नए नहीं हैं, हम तो रूह की , गहराई में बसते हैं। नए नहीं हैं, हम तो रूह की , गहराई में बसते हैं।
उर्जा का तुम स्रोत किरणों से जगत को करते ओतप्रोत, नित -नित हम वंदन करते हैं। ह उर्जा का तुम स्रोत किरणों से जगत को करते ओतप्रोत, नित -नित हम वंदन...
दिन-रात सेवा में जुड़े हैं चिकित्सक बिना अपनी परवाह किये ख़ुद संक्रमण में आ रहे हैं,बिना दिन-रात सेवा में जुड़े हैं चिकित्सक बिना अपनी परवाह किये ख़ुद संक्रमण में आ रहे...
फुरसत के पलों में कुछ अच्छा करते हैं चलो आज खुद से रुबरु होते हैं फुरसत के पलों में कुछ अच्छा करते हैं चलो आज खुद से रुबरु होते हैं
फिर क्यूँ मेरा नाम अपने दिल पर लिखवाते हो।। फिर क्यूँ मेरा नाम अपने दिल पर लिखवाते हो।।