मिले थे जिस ख़याल से फिर वो ख़याल लें चले मिले थे जिस ख़याल से फिर वो ख़याल लें चले
ला साकी थोड़ी तो और शराब ला सागर को छलकने दे जी भर के तू अभी अंजुम की रोशनी में भी खि ला साकी थोड़ी तो और शराब ला सागर को छलकने दे जी भर के तू अभी अंजुम की रोशन...
फुरसत के पलों में कुछ अच्छा करते हैं चलो आज खुद से रुबरु होते हैं फुरसत के पलों में कुछ अच्छा करते हैं चलो आज खुद से रुबरु होते हैं