पेट की क्षुधा को करें शान्त कि तन को शीत से बचाते फिरे या हो गयी आदत मौसम की पेट की क्षुधा को करें शान्त कि तन को शीत से बचाते फिरे या हो गयी आदत मौसम की
मैं पैगाम का जरिया हूँ मैं अमन और शान्ति देखता हूँ। मैं पैगाम का जरिया हूँ मैं अमन और शान्ति देखता हूँ।
जो मुझे आलसी इतना बड़ा निकम्मा बनाया जो मुझे आलसी इतना बड़ा निकम्मा बनाया
बाहर खेलने को हम तरसे बताओ कब तक जाओगी तुम। बाहर खेलने को हम तरसे बताओ कब तक जाओगी तुम।
रिश्ते अब ठिठुरते हैं कंबल को तरसते हैं रिश्ते अब ठिठुरते हैं कंबल को तरसते हैं
रूपये ले लीजिये या कम्बल वसन लीजिये। वोट देकर ये हिसाब जल्दी से चुकाइए।। रूपये ले लीजिये या कम्बल वसन लीजिये। वोट देकर ये हिसाब जल्दी से चुकाइए।।