आज के नेता
आज के नेता
ये चुनावी गीत है जी आप भी तो गाइए।
वोट हमें दीजिए और हमीं को जिताइए।।
हम तुम्हारे हमदर्द व हम तुम्हारे सिरदर्द।
दर्द की दवा तो तुम हमीं से ले जाइए।।
रूपये ले लीजिये या कम्बल वसन लीजिये।
वोट देकर ये हिसाब जल्दी से चुकाइए।।
घर तो हम बनायेंगे ही सड़क भी बनायेंगे।
टोल टेक्स देकर मोटर खूब तुम चलाइये।।
सतयुग, द्वापर व त्रेता में तो हमीं रहे।
कलयुग में अब हमसे नज़र ना चुराइए।।
सपा में भी हमीं है और बसपा में हमीं है।
भाजपा में हमीं फिर जनि सकुचाइये।।
तुम तो ‘आजाद’ जी हो हमरी बिरादरी के।
कुछ तो बिरादरी का फ़र्ज़ अब निभाइए।।