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पंख सहारे बंदिश अधूरा ही रह गया पहचान घर हिन्दी कविता अजनबी दोस्ती पर अनवरत थाम कर कंधों पर बोझ बात प्यारी पापा दर्द क्यूं चले गए इतना जल्दी अकेले प्यार थकना

Hindi कंधों Poems