उनके आशियाने में जा कर खुद का ठिकाना भूले न जाने उस आशियाने से हो परिंदे लौटे कैसे? उनके आशियाने में जा कर खुद का ठिकाना भूले न जाने उस आशियाने से हो परिंदे लौटे...
मन मयूर नृत्य है करती सोंधी महक माटी की सूंघे। मन मयूर नृत्य है करती सोंधी महक माटी की सूंघे।