क्यों सोचती हो इक प्यार भरी नजर, वो तुम पर फेरे क्यों सोचती हो इक प्यार भरी नजर, वो तुम पर फेरे
स्वतंत्रता के मद में, वह भी तो बहुत इतराया था, स्वतंत्रता के मद में, वह भी तो बहुत इतराया था,