सांस ले सकूँ जो चमन में फिर वही खुल आसमान चाहिए। सांस ले सकूँ जो चमन में फिर वही खुल आसमान चाहिए।
इंद्रधनुषी हुई धरती सारी, प्रेम ऋतु बसंती आ गई। चाहत में धड़कने रुमानी हो गई, अहसास दिलो में गुला... इंद्रधनुषी हुई धरती सारी, प्रेम ऋतु बसंती आ गई। चाहत में धड़कने रुमानी हो गई, ...
प्रेम करना कोई खेल नहीं इसमें जिन्दगी भी मौत सी लगती है। प्रेम करना कोई खेल नहीं इसमें जिन्दगी भी मौत सी लगती है।
बाबा के साथ बिताए थे जो पल, थे उसमें सारे इंद्रधनुषी रंग, सजाते थे सपने अंखियों में मेरे, पलकों म... बाबा के साथ बिताए थे जो पल, थे उसमें सारे इंद्रधनुषी रंग, सजाते थे सपने अंखियो...
लिखना चाहती हूँ मन की उमंग ... पर निराशा के भावों से होती हूँ तंग !! लिखना चाहती हूँ मन की उमंग ... पर निराशा के भावों से होती हूँ तंग !!