बोतलों पर बोतलें चढ़ा रहे हैं, प्रतियोगिता में शामिल ना हो पाने का, देखो गम मना रहे हैं। बोतलों पर बोतलें चढ़ा रहे हैं, प्रतियोगिता में शामिल ना हो पाने का, देखो ग...
आँखें पढ़ लेते थे जो हम कैसे नहीं पढ़ पाए उनकी आँखें प्यार किया था जिनसे हम कैसे नहीं समझ पाए उनक... आँखें पढ़ लेते थे जो हम कैसे नहीं पढ़ पाए उनकी आँखें प्यार किया था जिनसे हम क...
डोरियाँ खिंच गई जिनकी, वो दुनिया को अलविदा कहते हैं, डोरियाँ खिंच गई जिनकी, वो दुनिया को अलविदा कहते हैं,
दीदी हैं वो मेरी दीदी। सबसे प्यारी-न्यारी दीदी, दीदी हैं वो मेरी दीदी। सबसे प्यारी-न्यारी दीदी,
शुक्र है कि सुबह का भुला मेरा बेटा शाम को फिर से घर लौट आया। शुक्र है कि सुबह का भुला मेरा बेटा शाम को फिर से घर लौट आया।
ख़ामोशियों में जीते रहे हम। तकल्लुफ करते रहे तुम। सच्चाई से कब तक भाग सकता है कोई। सच्चाई ख़ुद ही ... ख़ामोशियों में जीते रहे हम। तकल्लुफ करते रहे तुम। सच्चाई से कब तक भाग सकता है क...